15-
जागो मेरे लाल जागो
छोरो तुम शहर की ठाठ
पकड़ो तुम ग्राम की बाट
करो तुम दिनों का उद्धार
जागो मेरे लाल जागो
मेरे पुत्र बलिदान हुए
निज रक्तों का दान किये
निज यौवन को वार दिये
ममता को फिर तुम छोड़ो
जागो मेरे लाल जागो
रो रहा दिन दयाल
करता है क्रूर - क्रंदन पुकार
विदीर्ण होती छाती हमार
जावो सेवक जुट परो
जागो मेरे लाल जागो
मेरे शब्दों पे ध्यान धरो
दलित किसानो का उद्धार करो
निज जीवन के शोषित लोगों पर
सेवा अमृत बरसाओ
जागो मेरे लाल जागो
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २८-०१-१९८४
जागो मेरे लाल जागो
छोरो तुम शहर की ठाठ
पकड़ो तुम ग्राम की बाट
करो तुम दिनों का उद्धार
जागो मेरे लाल जागो
मेरे पुत्र बलिदान हुए
निज रक्तों का दान किये
निज यौवन को वार दिये
ममता को फिर तुम छोड़ो
जागो मेरे लाल जागो
रो रहा दिन दयाल
करता है क्रूर - क्रंदन पुकार
विदीर्ण होती छाती हमार
जावो सेवक जुट परो
जागो मेरे लाल जागो
मेरे शब्दों पे ध्यान धरो
दलित किसानो का उद्धार करो
निज जीवन के शोषित लोगों पर
सेवा अमृत बरसाओ
जागो मेरे लाल जागो
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २८-०१-१९८४
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