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हर्षित हूँ हर्षित है
यह तप भूमि भारत वर्ष
गर्वित हूँ गर्वित है
यह वसुंधरा एवं श्रमिक वर्ग
टूट चुकी लोहे की कड़ी
मिट चुकी तानाशाही वर्ग
सफल हुई श्रम हमारी
बन गई मिटटी पर्वत
श्रमिक ही हैं श्रम के सरताज
तुम ही हो उत्पादन के आधार
लाऊं कहाँ से शब्द जाल
अर्पण करता हूँ ह्रदय हार
कर लो स्वीकार ये प्रेम उपहार
मजदुर एकता जिंदाबाद
वर्तमान है तेरे साथ
भविष्य होंगे तेरे साथ
तेरे साथ होगा सदा
अपनों का असीम प्यार !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०४-१०-१९८०
हर्षित हूँ हर्षित है
यह तप भूमि भारत वर्ष
गर्वित हूँ गर्वित है
यह वसुंधरा एवं श्रमिक वर्ग
टूट चुकी लोहे की कड़ी
मिट चुकी तानाशाही वर्ग
सफल हुई श्रम हमारी
बन गई मिटटी पर्वत
श्रमिक ही हैं श्रम के सरताज
तुम ही हो उत्पादन के आधार
लाऊं कहाँ से शब्द जाल
अर्पण करता हूँ ह्रदय हार
कर लो स्वीकार ये प्रेम उपहार
मजदुर एकता जिंदाबाद
वर्तमान है तेरे साथ
भविष्य होंगे तेरे साथ
तेरे साथ होगा सदा
अपनों का असीम प्यार !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०४-१०-१९८०
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