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धुंध भरी धुप
नाव में भरी पानी
चप्पू भी हो चूका है चुप
जिन्दगी की यही है कहानी
हर दर्द के पीछे सुख जाता है छुप
मिलना मिल कर बिछुरना
जिन्दगी का यही है सब कुछ
मिलना तो हँसना बिछुरन में रोना
यूँ ही जीवन का दिया जाता है बुझ
दोनों हालत में कह - कहे लगाना ही
है सबसे बड़ी सूझ
यही बात जिंदगी हम से है कहती
नीरस जिन्दगी में
सरसता है बिलकुल तुच्छ
विहंगम न रखता है मायने
तुम हो तभी कुछ गर हो तुम्हारी पूछ
हम हों खड़े तुम हो सामने
जिन्दगी तभी समझ आएगी कुछ न कुछ ।
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ११-०६-१९८०
धुंध भरी धुप
नाव में भरी पानी
चप्पू भी हो चूका है चुप
जिन्दगी की यही है कहानी
हर दर्द के पीछे सुख जाता है छुप
मिलना मिल कर बिछुरना
जिन्दगी का यही है सब कुछ
मिलना तो हँसना बिछुरन में रोना
यूँ ही जीवन का दिया जाता है बुझ
दोनों हालत में कह - कहे लगाना ही
है सबसे बड़ी सूझ
यही बात जिंदगी हम से है कहती
नीरस जिन्दगी में
सरसता है बिलकुल तुच्छ
विहंगम न रखता है मायने
तुम हो तभी कुछ गर हो तुम्हारी पूछ
हम हों खड़े तुम हो सामने
जिन्दगी तभी समझ आएगी कुछ न कुछ ।
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ११-०६-१९८०
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