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ताले चाभी की मरम्मत की थी दुकान
सड़क किनारे मुझे भी था उस से काम
ततछन एक आदमी आया
लेते हुए अपने लड़के का नाम
तोड़कर उसने पेटी का कब्ज़ा
देखो बिगार दिया है मेरा काम
तत्काल एक सज्जन बोल पड़े
आदत अपनी बदल दो
मांगे एक तो उसे दो - दो
वर्ना यु हीं ताला तोड़ता रहेगा
बाप का नाम पानी में डुबोता रहेगा
खुद हो कर बर्बाद
तिजोरी आपका तोड़ता रहेगा
कैसा ये जमाना आया
खुद स्वार्थ में डूबा
बेटे का आदत बिगाड़ा !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ११-१२-१९८३
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