ADHURI KAVITA SMRITI
मंगलवार, 31 जुलाई 2012
107 . पहले पहल
107 .
पहले पहल
तुम एक
प्रतिमा थी
जिसमे
धीरे - धीरे
जान आई
अंगुलियाँ हिली
हाथ बढ़े
आलिंगनबद्ध किया
होठ फड़के
और ओठों ने
ओठों को
चूम लिया !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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