161 .
मुस्कुराओ कभी न ख़त्म होने वाली
ला सकती है मुझे
तुम्हारे पास बस यही एक मुस्कान
कभी भी अपने को
अकेले नहीं पाओगी
क्योंकि अपने आँसूं
मुझको दे चुकी होगी
इस दुनिया की सुन्दरता
हो चुकी है पुरानी
आओ शुरू करें हम
एक नयी कहानी
अब मेरा प्यार
होगा तुम्हारे पास
नहीं होगा अब कुछ के लिए समय
देखूंगा तुझे सदा अपने पास
कभी न ख़त्म होने वाला शब्द सा
होगा मेरा प्यार
होगा इसमें एक नयापन
दे दूंगा तुझको अपना सारा जीवन
मैं यहीं हूँ
जब भी तुम बुला लो मुझे
ये न सोंचो
एक भी शब्द कहूँगा तुझे
ये हैं केवल शब्द
वे सारे जो हैं केवल मेरे शब्द
जो तेरे दिल को लाता है मेरे करीब
ये हैं केवल शब्द
वे सारे जो हैं केवल मेरे शब्द
तूँ थी जब सामने खड़ी
कुर्सी पर बैठे ही
नज़र थी मेरी पड़ी
ज्योंही बोलने को कुछ
तूने अपना मुँह खोला
रक्त मेरा त्योंही सर्द होने लगा
तुमने कुछ बतलाना चाहा था
मैं भी कुछ जानना चाहता था
त्योंही दिल मेरा चीखा
ज्यों ही तेरे नीली गहरी आँखों में
चाहत का सैलाब देखा
जग छोड़ जाता है
सबको अकेला
साथ रहकर
हँसने का मौका
मिल गया है कुछ अलबेला
कहाँ आग लगी है
देखने का नहीं है मौका
जाँघ को तकिया समझ
सिर रख उस पर अपना
तेरी गर्म बाहों से
मुझको समझ अपना
छट - छट वर्षा की बूंदों की आवाज
खिड़की पर हो रही है
तेरे प्यार के विश्वास में
आँखें मेरी मुंद रही है
प्यार तुझको मिल जाएगा वहाँ
पर मैं तो अकेला ही
रह जाऊँगा यहाँ
उदासी की छाया घेर लेगी
फिर भी एक शब्द न कहना
मैंने सारा प्यार दिया
जितना मैं दे सकता हूँ
जान सको तो जानो
कितना मैं दे सकता हूँ
तुमने भी सब कुछ दिया
जितना कोई दे नहीं पाता
तेरा प्यार जब तक तेरा साथ है
मेरा प्यार जब तक जीवन का साथ है
यह प्यार केवल मेरा प्यार है
तेरा गहरा प्यार
है जानने की बात
क्योंकि कट रही है
मूर्खों के बीच अपनी रात
तुम और मैं मिलकर हम
भूल जायेंगे सारे गम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 08-10-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
मुस्कुराओ कभी न ख़त्म होने वाली
ला सकती है मुझे
तुम्हारे पास बस यही एक मुस्कान
कभी भी अपने को
अकेले नहीं पाओगी
क्योंकि अपने आँसूं
मुझको दे चुकी होगी
इस दुनिया की सुन्दरता
हो चुकी है पुरानी
आओ शुरू करें हम
एक नयी कहानी
अब मेरा प्यार
होगा तुम्हारे पास
नहीं होगा अब कुछ के लिए समय
देखूंगा तुझे सदा अपने पास
कभी न ख़त्म होने वाला शब्द सा
होगा मेरा प्यार
होगा इसमें एक नयापन
दे दूंगा तुझको अपना सारा जीवन
मैं यहीं हूँ
जब भी तुम बुला लो मुझे
ये न सोंचो
एक भी शब्द कहूँगा तुझे
ये हैं केवल शब्द
वे सारे जो हैं केवल मेरे शब्द
जो तेरे दिल को लाता है मेरे करीब
ये हैं केवल शब्द
वे सारे जो हैं केवल मेरे शब्द
तूँ थी जब सामने खड़ी
कुर्सी पर बैठे ही
नज़र थी मेरी पड़ी
ज्योंही बोलने को कुछ
तूने अपना मुँह खोला
रक्त मेरा त्योंही सर्द होने लगा
तुमने कुछ बतलाना चाहा था
मैं भी कुछ जानना चाहता था
त्योंही दिल मेरा चीखा
ज्यों ही तेरे नीली गहरी आँखों में
चाहत का सैलाब देखा
जग छोड़ जाता है
सबको अकेला
साथ रहकर
हँसने का मौका
मिल गया है कुछ अलबेला
कहाँ आग लगी है
देखने का नहीं है मौका
जाँघ को तकिया समझ
सिर रख उस पर अपना
तेरी गर्म बाहों से
मुझको समझ अपना
छट - छट वर्षा की बूंदों की आवाज
खिड़की पर हो रही है
तेरे प्यार के विश्वास में
आँखें मेरी मुंद रही है
प्यार तुझको मिल जाएगा वहाँ
पर मैं तो अकेला ही
रह जाऊँगा यहाँ
उदासी की छाया घेर लेगी
फिर भी एक शब्द न कहना
मैंने सारा प्यार दिया
जितना मैं दे सकता हूँ
जान सको तो जानो
कितना मैं दे सकता हूँ
तुमने भी सब कुछ दिया
जितना कोई दे नहीं पाता
तेरा प्यार जब तक तेरा साथ है
मेरा प्यार जब तक जीवन का साथ है
यह प्यार केवल मेरा प्यार है
तेरा गहरा प्यार
है जानने की बात
क्योंकि कट रही है
मूर्खों के बीच अपनी रात
तुम और मैं मिलकर हम
भूल जायेंगे सारे गम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 08-10-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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