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ख्वाबों की दुनियाँ
एक हम और एक तुम हैं
एक छोटा सा बंगला है
सामने समुद्र की लहरें हैं
और एक छोटी सी कार है
छोटी सी एक फुलवाड़ी है
जिसमें फूल हैं अनेक
थोड़ा सा बैंक बैलेंस है
घर में एक नौकर है
इस दुनियाँ का
मैं राजा और तूँ मेरी रानी है
अब
दृश्य बदलता है
किलकारियाँ गूँज उठती हैं
हम दो से तीन होते हैं
समय गुजरता चला जाता है
वो बढ़ता है खूब पढता है
होकर बड़ा अफसर बनता है
बालों से हम सफ़ेद हो रहे हैं
पर तुम उतनी ही सुन्दर हो
हमारे मिलन की
25वीं सालगिरह है
एक सुन्दर सी राजकुमारी आ गयी
अपने लड़के सुधाकर ने
किया बड़ा नाम है
हम दोनों का उसने
किया बड़ा नाम है
और अब दृश्य बदलता है
हम पोती को तुम पोते को
गोद में खिलाते हैं
अब आया वो भी समय
तुम ने मुझसे चिर विदा ले ली है
अगले जन्म में मिलने का वादा कर
और मैं इसी जन्म में
ना जाने कितनी बार मरता रहा
मेरे इस जीने से तो मौत ही भली है
अच्छा अब ये जीना लगता नहीं है
पर कैसी ये मज़बूरी है
मौत भी मिलती नहीं है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 11-11-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
ख्वाबों की दुनियाँ
एक हम और एक तुम हैं
एक छोटा सा बंगला है
सामने समुद्र की लहरें हैं
और एक छोटी सी कार है
छोटी सी एक फुलवाड़ी है
जिसमें फूल हैं अनेक
थोड़ा सा बैंक बैलेंस है
घर में एक नौकर है
इस दुनियाँ का
मैं राजा और तूँ मेरी रानी है
अब
दृश्य बदलता है
किलकारियाँ गूँज उठती हैं
हम दो से तीन होते हैं
समय गुजरता चला जाता है
वो बढ़ता है खूब पढता है
होकर बड़ा अफसर बनता है
बालों से हम सफ़ेद हो रहे हैं
पर तुम उतनी ही सुन्दर हो
हमारे मिलन की
25वीं सालगिरह है
एक सुन्दर सी राजकुमारी आ गयी
अपने लड़के सुधाकर ने
किया बड़ा नाम है
हम दोनों का उसने
किया बड़ा नाम है
और अब दृश्य बदलता है
हम पोती को तुम पोते को
गोद में खिलाते हैं
अब आया वो भी समय
तुम ने मुझसे चिर विदा ले ली है
अगले जन्म में मिलने का वादा कर
और मैं इसी जन्म में
ना जाने कितनी बार मरता रहा
मेरे इस जीने से तो मौत ही भली है
अच्छा अब ये जीना लगता नहीं है
पर कैसी ये मज़बूरी है
मौत भी मिलती नहीं है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 11-11-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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