मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012

164 . जितनी लिखी थी मुकद्दर में

164 . 

जितनी लिखी थी मुकद्दर में 
हम उतनी जी लिए 
अब तो है यही तमन्ना 
मौत आ लगे गले 
कह देना मेरा ये पैगाम 
ओ चाँद सितारों 
कह देना उनसे मेरा अंतिम सलाम 
ओ चाँद सितारों 
मैं छोड़ रहा हूँ जग को 
ले के उनका ही नाम 
ओ चाँद सितारों 
कह देना उनसे मेरा अंतिम सलाम 
ओ चाँद सितारों 
तेरे ही रौशनी से 
पहुँचे मेरे प्यार की किरण 
ओ चाँद सितारों 
रूह धड़क रहा है 
लेकर उनका ही नाम 
ओ चाँद सितारों 
कह देना उनसे मेरा अंतिम सलाम 
ओ चाँद सितारों 
राह देखी बहुत मैंने उनकी 
फिर भी न आया ख्याल उनको मेरा 
छोड़ रहा हूँ याद में उनके ही 
जग का ये अपना डेरा 
कह देना उनसे मेरा अंतिम सलाम 
ओ चाँद सितारों 
मेरे गुजरने के बाद गर 
आये उनको याद मेरी 
दो आँसूं तुम भी बहा देना 
ओ चाँद सितारों 
तुम जानते हो 
रातें मैंने कैसे गुजारी है 
उनके मुबारक मौके पे 
फूल बरसा देना 
ओ चाँद सितारों 
मैं जब न रहूँगा इस धरती पर 
तुम ही उनके लिए दुआ करना 
ओ चाँद सितारों
कह देना उनसे मेरा अंतिम सलाम 
ओ चाँद सितारों !

सुधीर कुमार ' सवेरा '  11-10-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से            

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