152.
चीनी मिट्टी के प्याले में रंगहीन पानी
लगी चाँदी सी
पकड़ने की घुंडी
बता जाती है तेरी जवानी
यहीं से शुरू होती है
अपनी ये प्रेम कहानी
चीनी घुली ये चाय का पानी
बता जाती है तेरी ये रसीली जवानी
निम्बू का ये खट्टापन
कहता है तेरा नटखटपन
तेरा ये चुलबुलापन
कहता है ये निचला पानी
निचे का ये जमा दाना
बता जाता है तेरा तराना
प्याला रखने का अंदाज
कह जाते हैं मन के छिपे अल्फाज
लिकर की छिपी हुई कहानी
बस है यही एक
तेरे प्यार की निशानी
ओंठ के लगते ही
ख़त्म हो जाती है ये कहानी
तेरे अंग का वो किनारा
जैसे चाँद है घिरा
लेकर बादलों का सहारा
चूमेगा कोई उसको
होगा जो सपनो का तेरा सह्जादा
गायेगा केवल गीत
अपनी लुटी प्यार का ये " सवेरा "
तेरे गेशुओं के छाँव में
होगा अपना ठाँव
भींगेंगे हम तो
तेरे काजलों की बरसात में
तेरी लम्बी पतली ग्रीवा
सुराघट से लग रहा जुड़ा
तेरे रसीले ओठों का
मैं तो हूँ एक दिवाना
तेरे सिर के एक जुम्बिस में
होता हूँ मैं फ़ना - फ़ना !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 20-09-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
चीनी मिट्टी के प्याले में रंगहीन पानी
लगी चाँदी सी
पकड़ने की घुंडी
बता जाती है तेरी जवानी
यहीं से शुरू होती है
अपनी ये प्रेम कहानी
चीनी घुली ये चाय का पानी
बता जाती है तेरी ये रसीली जवानी
निम्बू का ये खट्टापन
कहता है तेरा नटखटपन
तेरा ये चुलबुलापन
कहता है ये निचला पानी
निचे का ये जमा दाना
बता जाता है तेरा तराना
प्याला रखने का अंदाज
कह जाते हैं मन के छिपे अल्फाज
लिकर की छिपी हुई कहानी
बस है यही एक
तेरे प्यार की निशानी
ओंठ के लगते ही
ख़त्म हो जाती है ये कहानी
तेरे अंग का वो किनारा
जैसे चाँद है घिरा
लेकर बादलों का सहारा
चूमेगा कोई उसको
होगा जो सपनो का तेरा सह्जादा
गायेगा केवल गीत
अपनी लुटी प्यार का ये " सवेरा "
तेरे गेशुओं के छाँव में
होगा अपना ठाँव
भींगेंगे हम तो
तेरे काजलों की बरसात में
तेरी लम्बी पतली ग्रीवा
सुराघट से लग रहा जुड़ा
तेरे रसीले ओठों का
मैं तो हूँ एक दिवाना
तेरे सिर के एक जुम्बिस में
होता हूँ मैं फ़ना - फ़ना !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 20-09-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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