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लंबे - लंबे ये कदम
रखो जरा संभाल के
खो न जाये कहीं तेरा वजूद
हर पग उठाओ संभाल के
अतीत में ढूंढे कहीं
जो न मिलो कभी
बनाओ वो तारीख जरा
खुद अपने ख्याल से
हर लम्हा शुष्क हो रहा
यूँ बैठो न उदास से
फूंको ऐसी जान की
जर्रा - जर्रा हिल जाये तूफान से
सोयी तेरी वफ़ा की आग
सुला दे न मुझको जगा के
कतरा - कतरा - कतरा - कतरा
है तुम्हारे लिए
रखना इसे संभाल के
हर दर्द है सीने में छुपा
दस्तक न देना कभी प्यार से
हम तो जल मरे हैं
तेरी ही बेवफाई के आग से
हमको न जिलाना फिर कभी
अपने वफ़ा के याद से
दफ़न ही हो जाने दो मुझे
निकालो न मुझे
अपने यादों के कब्र से
कभी भूलेंगे न तुझको हम
कभी जिएंगे वफ़ा की याद में
कभी जल मरेंगे
बेवफाई की आग में !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' कोलकाता
लंबे - लंबे ये कदम
रखो जरा संभाल के
खो न जाये कहीं तेरा वजूद
हर पग उठाओ संभाल के
अतीत में ढूंढे कहीं
जो न मिलो कभी
बनाओ वो तारीख जरा
खुद अपने ख्याल से
हर लम्हा शुष्क हो रहा
यूँ बैठो न उदास से
फूंको ऐसी जान की
जर्रा - जर्रा हिल जाये तूफान से
सोयी तेरी वफ़ा की आग
सुला दे न मुझको जगा के
कतरा - कतरा - कतरा - कतरा
है तुम्हारे लिए
रखना इसे संभाल के
हर दर्द है सीने में छुपा
दस्तक न देना कभी प्यार से
हम तो जल मरे हैं
तेरी ही बेवफाई के आग से
हमको न जिलाना फिर कभी
अपने वफ़ा के याद से
दफ़न ही हो जाने दो मुझे
निकालो न मुझे
अपने यादों के कब्र से
कभी भूलेंगे न तुझको हम
कभी जिएंगे वफ़ा की याद में
कभी जल मरेंगे
बेवफाई की आग में !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' कोलकाता
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