३३९
प्यार में लूटना ही पड़ता है
मैं लूट चुका हूँ
प्यार में बर्बाद होना पड़ता है
बर्बाद मैं हो चूका हूँ
प्यार में मिटना ही पड़ता है
मिट रहा हूँ
तिल - तिल कर जलना पड़ता है
जल रहा हूँ
बदनामी का सेहरा भी माथे पे आ लगता है
पर प्यार होकर ऐसा
कोई न हो बेवफा
जान ले ले
पर जुदा न हो
हर सितम करे
पर बेवफा न हो !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २२ - ०५ - १९८४
कोलकाता ८ - ४५ am
प्यार में लूटना ही पड़ता है
मैं लूट चुका हूँ
प्यार में बर्बाद होना पड़ता है
बर्बाद मैं हो चूका हूँ
प्यार में मिटना ही पड़ता है
मिट रहा हूँ
तिल - तिल कर जलना पड़ता है
जल रहा हूँ
बदनामी का सेहरा भी माथे पे आ लगता है
पर प्यार होकर ऐसा
कोई न हो बेवफा
जान ले ले
पर जुदा न हो
हर सितम करे
पर बेवफा न हो !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २२ - ०५ - १९८४
कोलकाता ८ - ४५ am
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