३३३
दर्द में डूबी शाम है मेरी
गर्द में डूबा नाम
नाम तेरा ले - ले के हम तो
प्यार में हुए बदनाम
मन मंदिर में
तुझको बिठाकर
कुचल गए मेरे
सारे अरमान
तुम जो न होते
यार मेरे तो
अपना होता
ऊँचा नाम
वफ़ा करके तुझसे हम
होते न यूँ बर्बाद सनम
करके मोहब्बत
तुझसे हमने
क्या - क्या न
जुल्म सहे
दिल भी टुटा
आश भी छूटी
दर्द की ऐसी
बांध जो टूटी
बिखर गया तिनका - तिनका
आदर्शों के मेरे
जो तूने महल तोड़ी
दर्द में डूबी शाम है मेरी
गर्द में डूबा नाम
नाम तेरा ले - ले के हम तो
प्यार में हुए बदनाम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ३० - ०४ - १९८४
कोलकाता २ - १० pm
दर्द में डूबी शाम है मेरी
गर्द में डूबा नाम
नाम तेरा ले - ले के हम तो
प्यार में हुए बदनाम
मन मंदिर में
तुझको बिठाकर
कुचल गए मेरे
सारे अरमान
तुम जो न होते
यार मेरे तो
अपना होता
ऊँचा नाम
वफ़ा करके तुझसे हम
होते न यूँ बर्बाद सनम
करके मोहब्बत
तुझसे हमने
क्या - क्या न
जुल्म सहे
दिल भी टुटा
आश भी छूटी
दर्द की ऐसी
बांध जो टूटी
बिखर गया तिनका - तिनका
आदर्शों के मेरे
जो तूने महल तोड़ी
दर्द में डूबी शाम है मेरी
गर्द में डूबा नाम
नाम तेरा ले - ले के हम तो
प्यार में हुए बदनाम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ३० - ०४ - १९८४
कोलकाता २ - १० pm
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