यादें
( हथुआ महाराज के परिसर में बच्चों की मस्ती )
५२९
जी जान से पानी पी पी कर गली चौराहे हर तरफ
चिल्ला रहे थे जो संसद की आन बान शान और सम्मान के खातिर
खुद अंदर कर रहे थे चीर हरण कुर्ता बिल फाड़ फाड़ कर मिल सारे शातिर
खुद खेला अंदर CWG से
मन न भरा तो २G से
फिर जी न भरा तो कोयले की खान से
कितना बड़ा है ये गड़बड़ झाला
आम आदमी को हर रोज है अब पड़ता पाला
सबने अपना मुंह कर लिया है ऐसा काला
पहचान में ही नहीं आ रहा कौन है बहनोई और कौन है किसका साला
क्यों न कोई वीर ईमानदार
जिसने न कभी खाया हो कमिसन
और कमसे कम सांसद निधि से
शत प्रतिशत उपयोग कर जनता का किया हो कल्याण
जो वो साहस कर पाते चीर हरण से बचा पाते
तो बच जाता संसद का सम्मान !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २३ - ०९ - २०१२
९ - २१ pm
( हथुआ महाराज के परिसर में बच्चों की मस्ती )
५२९
जी जान से पानी पी पी कर गली चौराहे हर तरफ
चिल्ला रहे थे जो संसद की आन बान शान और सम्मान के खातिर
खुद अंदर कर रहे थे चीर हरण कुर्ता बिल फाड़ फाड़ कर मिल सारे शातिर
खुद खेला अंदर CWG से
मन न भरा तो २G से
फिर जी न भरा तो कोयले की खान से
कितना बड़ा है ये गड़बड़ झाला
आम आदमी को हर रोज है अब पड़ता पाला
सबने अपना मुंह कर लिया है ऐसा काला
पहचान में ही नहीं आ रहा कौन है बहनोई और कौन है किसका साला
क्यों न कोई वीर ईमानदार
जिसने न कभी खाया हो कमिसन
और कमसे कम सांसद निधि से
शत प्रतिशत उपयोग कर जनता का किया हो कल्याण
जो वो साहस कर पाते चीर हरण से बचा पाते
तो बच जाता संसद का सम्मान !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २३ - ०९ - २०१२
९ - २१ pm
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