यादें
( बेटे उज्जवल सुमित का जन्म दिन )
५३६
इस लोक तंत्र ने
अपने जनतंत्र ने
शब्द अनोखे अनमोल दिए
जिसको हमने पूजा , चाहा और प्यार किया
धुप अगरबत्ती जलाये नैवैद्य चढ़ाये
जैसे सेकुलर , पिछड़े , आदिवासी और दलित
हश्र हमने क्या देखा
सेकुलर के नाम पर
धर्म आधारित आरक्षण का प्रयास
धर्म आधारित छात्रवृति का प्रयास
धर्म आधारित सब्सिडी का उपहार
अर्थात सेकुलर के नाम पर देश का बंटाधार
संविधान के साथ बलात्कार
पिछड़े के नाम पर
मुलायम लालू का गोल माल
आदिवासी के नाम पर
कोड़ा का लूट मार
दलित के नाम पर
माया का नीचतम भ्रष्टाचार
तात्पर्य यह कि
न तो सेकुलर को
न तो पिछड़ों को
न तो दलितों को
न तो आदिवासियों को
मिला उनका अधिकार या सम्मान
सबों ने शब्दों के भ्रम जाल में
हमें सिर्फ भरमाया है
मिल कर खूब सताया है
अतः इन शब्दों को
अब कहीं दबा दो या दफना दो
वर्ना हम इसी तरह मरते रहेंगे
और बारी - बारी से मारे जायेंगे
जागो - जागो - जागो रे जनता जागो रे
बस हो ईमानदार और देशभक्त
उसे ही बस गले लगाओ रे !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०९ - १० - २०१२
५ - ३० pm
( बेटे उज्जवल सुमित का जन्म दिन )
५३६
इस लोक तंत्र ने
अपने जनतंत्र ने
शब्द अनोखे अनमोल दिए
जिसको हमने पूजा , चाहा और प्यार किया
धुप अगरबत्ती जलाये नैवैद्य चढ़ाये
जैसे सेकुलर , पिछड़े , आदिवासी और दलित
हश्र हमने क्या देखा
सेकुलर के नाम पर
धर्म आधारित आरक्षण का प्रयास
धर्म आधारित छात्रवृति का प्रयास
धर्म आधारित सब्सिडी का उपहार
अर्थात सेकुलर के नाम पर देश का बंटाधार
संविधान के साथ बलात्कार
पिछड़े के नाम पर
मुलायम लालू का गोल माल
आदिवासी के नाम पर
कोड़ा का लूट मार
दलित के नाम पर
माया का नीचतम भ्रष्टाचार
तात्पर्य यह कि
न तो सेकुलर को
न तो पिछड़ों को
न तो दलितों को
न तो आदिवासियों को
मिला उनका अधिकार या सम्मान
सबों ने शब्दों के भ्रम जाल में
हमें सिर्फ भरमाया है
मिल कर खूब सताया है
अतः इन शब्दों को
अब कहीं दबा दो या दफना दो
वर्ना हम इसी तरह मरते रहेंगे
और बारी - बारी से मारे जायेंगे
जागो - जागो - जागो रे जनता जागो रे
बस हो ईमानदार और देशभक्त
उसे ही बस गले लगाओ रे !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०९ - १० - २०१२
५ - ३० pm
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