ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015
390 . चिंतन ही मेरा
३९०
चिंतन ही मेरा
हो गया है चिंतातुर
क्या होगा इस देश का
मन हो गया है भयातुर !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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