ADHURI KAVITA SMRITI
बुधवार, 11 फ़रवरी 2015
396 . एक शीशे के
३९६
एक शीशे के
सौ टुकड़े हुए
एक में हम थे
औरों में मेरी तनहाई थी !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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