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चण्डिका
जय कमलनयनी कमल कुच युग , कमल चंवरनि शोभिता।
कमलपत्र सुचरणराजित , दैतयदल मद गज्जिता।।
अष्ट भुजबल महिष मर्दिनि , सिंहवाहिनि चण्डिका।
दाँत खटखट जीभ लहलह , श्रवण कुण्डल शोभिता।।
शूल - कर अर्धङ्ग शंकरि , नाम आदि कुमारिका।
'श्रवण सिंह ' प्रसाद मांगथि , उचित दिअ वर देविका।।
श्रवणसिंह ( तत्रैव )
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