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जागू जागू जागू मैया जागू तजि ध्यान ये।
अभागल चन्द्र आज पहुँचल दलान ये।।
लाल वसन शोभे कञ्चन वदन ये।
भाल बीच शोभे दूनू लाल नयन ये।।
गला बीच फूलक माला खून सन लाल ये।
नमरल कारी कारी गला शोभे हार ये।।
तोरि - लोड़ि फूल अनबै रक्त चन्दन ये।
साँझ - प्रात पूजन करबै मनुआँ मगन ये।।
जगमातु की सुनु दीनक गान ये।
हमरा ऊपर कने खोलू अहाँ ध्यान ये।।
चन्द्र कहथि मैया कतए नुकायल छी।
अहाँ दर्शन लेल हमहुँ बेहाल छी।।
चन्द्रकान्त झा
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