110 . कहते हैं जो मुझे अपना दिलवर
110 .
कहते हैं जो मुझे अपना दिलवर
बनते हैं जो मेरे जाने ज़िगर
उनसे अब मैं खुद क्या कहूँ
उनहोंने मुझ पर ढाया कैसा कहर
याद उनकी जाती ही नहीं दिल से
दिल खून के आँसू बहाता हर पल
बस उनसे इल्तिजा है इतनी मेरी
याद न अब मुझको आयें किसी पल !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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