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आग में जितना ही तपे
सोना होता है उतना ही कुंदन
निराशा खाता है जितना ही मानव
गर रखे रहा मात्र धैर्य
तो वही बन जाता है मानव से महा मानव
निराशा के बादल दूर हटेंगे जरुर
छिपा रहता है जैसे
बादल के पीछे सूर्य
ऐसे समय में
हे ईश तेरा ही सहारा है
दे के थोड़ी धैर्य तूँ
लगा देता है सबका किनारा
धैर्य ही है ईश्वर
धैर्य ही है भाई
कर्म को तुम समझ
उसको बना लो साथी
बादल के पीछे में
सूर्य रत है जैसे कर्म में
ऐसे ही गर लगे रहे तुम प्रयत्न में
कैसे नहीं मिलेगी
तुझको भला सफलता
हार मानेगा तुझसे
तब सारी विफलता
ऐसी कोई बात नहीं
जिसको तुम चाहो
और कर न पाओ
बस एक धैर्य के साथ
कर्म में लगे रहने की
है सिर्फ आवश्यकता !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 09-05-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
आग में जितना ही तपे
सोना होता है उतना ही कुंदन
निराशा खाता है जितना ही मानव
गर रखे रहा मात्र धैर्य
तो वही बन जाता है मानव से महा मानव
निराशा के बादल दूर हटेंगे जरुर
छिपा रहता है जैसे
बादल के पीछे सूर्य
ऐसे समय में
हे ईश तेरा ही सहारा है
दे के थोड़ी धैर्य तूँ
लगा देता है सबका किनारा
धैर्य ही है ईश्वर
धैर्य ही है भाई
कर्म को तुम समझ
उसको बना लो साथी
बादल के पीछे में
सूर्य रत है जैसे कर्म में
ऐसे ही गर लगे रहे तुम प्रयत्न में
कैसे नहीं मिलेगी
तुझको भला सफलता
हार मानेगा तुझसे
तब सारी विफलता
ऐसी कोई बात नहीं
जिसको तुम चाहो
और कर न पाओ
बस एक धैर्य के साथ
कर्म में लगे रहने की
है सिर्फ आवश्यकता !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 09-05-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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