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प्यार के वादे भूल गये
वफ़ा के रिश्ते तोड़ दिये
बीच मंझधार में लाकर नैया
मुझको क्यों तुम छोड़ गये
कहते थे साथ जियेंगे साथ मरेंगे
न होंगे कभी तुमसे जुदा
होगा हमारा साथ सदा
न जाओ ऐ जाने वफ़ा
हम तो हैं तुझपे फ़िदा
गलियां सुनी कलियाँ रोये
खिलने से पहले हम मुरझाये
तूँ हँसती तो कलियाँ चटखते
बागों में बहार आ जाये
जैसे चंदा बादल से झाँके
ऐसे ही तूँ मुझको लागे
तेरे बिना मैं ऐसे तरपूं
जैसे जल बिन मछली
साँझ सवेरे मनवा रोये
याद तेरी जब - जब सताये
तेरे विरह की दर्द में
मन मेरा रो - रो गाये !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 04-06-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
प्यार के वादे भूल गये
वफ़ा के रिश्ते तोड़ दिये
बीच मंझधार में लाकर नैया
मुझको क्यों तुम छोड़ गये
कहते थे साथ जियेंगे साथ मरेंगे
न होंगे कभी तुमसे जुदा
होगा हमारा साथ सदा
न जाओ ऐ जाने वफ़ा
हम तो हैं तुझपे फ़िदा
गलियां सुनी कलियाँ रोये
खिलने से पहले हम मुरझाये
तूँ हँसती तो कलियाँ चटखते
बागों में बहार आ जाये
जैसे चंदा बादल से झाँके
ऐसे ही तूँ मुझको लागे
तेरे बिना मैं ऐसे तरपूं
जैसे जल बिन मछली
साँझ सवेरे मनवा रोये
याद तेरी जब - जब सताये
तेरे विरह की दर्द में
मन मेरा रो - रो गाये !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 04-06-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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