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त्रिपुरभैरवी
समुदित सहस - सूर्य -किरणाबलि कान्ति - कलित - अभिरामा।
अरुण - क्षौम - परिधान - धारिणी पुर प्रलयंकर वामा।।
वारिजात - वन्दित - वदनश्री स्मित - विजितामृत धामा।
रक्ते रञ्जित पीनपयोधरवती सर्वदा श्यामा।।
त्रिविध - ताप - तम तरिणि तारिणी रुनझुन रसना - धामा।
तनुक - तनुक त्रिनयनि त्रिदेव - तोषित पूरित जनकामा।।
पुस्तक - जपमालाभय वर विलसितकर निकर ललाम।
शिशु - शशि - रत्न - सुशोभि - मकुट - मंडित , खंडित भव - भामा।।
मञ्जु मुंडमाला नागबाला पद - निपतित - सुररामा।
देथु भैरवी - कामगवी ' मधुप ' हूँ करथु नेहाल।।
मधुप
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