ADHURI KAVITA SMRITI
रविवार, 26 मार्च 2017
717 . दुर्गा------------------------ सिंह चढलि माता असुर - निकन्दिनि मोदिनि डोल गति - दापे।
७१७
दुर्गा
सिंह चढलि माता असुर - निकन्दिनि मोदिनि डोल गति - दापे।
आयुध उग्र शोभए आठो कर जाहि डरे अरि उर काँपे।।
दूर्वा - दल सन कान्ति मनोहर , सिरें शोभ चान कलापे।
प्रणत मुकुन्द मांगए वर दुर्गे , हरिअ त्रिविध भव - तापे।।
तन्त्रनाथ झा
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