ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 31 मार्च 2017
721 . ७२१ चण्डि ! तोहर मिथिला देश।।
७२१
चण्डि ! तोहर मिथिला देश।।
जकर सुपच्छिम भाग वैशाली , धारि सुन्दर वेश।
जाहि भूमिसँ जन्म लेलहुँ , भै सुता मिथिलेश।।
तकर महिमा हीन दिन - दिन भाव भाषा भेष।
करथि लोचन विनय कर पुर , हरु क्लेश अशेष।।
त्रिलोचन झा ( मिथिला - मोदसँ )
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